बैक इन एक्शन' मूवी रिव्यू | Back in action Movie Review

बैक इन एक्शन' मूवी रिव्यू: कैमरून डियाज़ इस साधारण नेटफ्लिक्स एक्शन-कॉमेडी से बेहतर वापसी डिज़र्व करती थीं


कैमरून डियाज़ और जेमी फॉक्स स्टारर नेटफ्लिक्स की नई फिल्म “बैक इन एक्शन” लंबे इंतजार के बाद कैमरून डियाज़ की वापसी के रूप में प्रचारित की जा रही थी। लेकिन अफसोस, यह फिल्म न केवल एक्शन-कॉमेडी के दर्शकों को निराश करती है, बल्कि डियाज़ के टैलेंट और स्टार पावर का भी सही उपयोग करने में असफल रही।






फिल्म की कहानी: एक बेजान प्रयास


फिल्म की कहानी सीक्रेट एजेंट्स एमिली (कैमरून डियाज़) और मैट (जेमी फॉक्स) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक मिशन के दौरान यह पता लगाते हैं कि वे माता-पिता बनने वाले हैं। हालांकि, यह सेटअप जितना दिलचस्प लगता है, उतनी ही जल्द यह एक उबाऊ और थकाऊ सफर में बदल जाता है। कहानी में न तो कोई नवाचार है और न ही कोई गहराई।


मिशन के बाद मृत मान लिए गए एमिली और मैट अपने जीवन को दोबारा शुरू करने का निर्णय लेते हैं। लेकिन कुछ वर्षों बाद, जब उनकी पहचान उजागर हो जाती है, तो उन्हें अपने बच्चों के साथ भागने पर मजबूर होना पड़ता है। यह भागमभाग उन्हें इंग्लैंड ले जाती है, जहाँ उनकी अलग-थलग पड़ी माँ, गिन्नी (ग्लेन क्लोज़), मदद के लिए आगे आती हैं।


दमदार कास्ट, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट


कैमरून डियाज़ और जेमी फॉक्स जैसे स्टार्स किसी भी फिल्म को आकर्षक बना सकते हैं। लेकिन इस बार, उनकी प्रतिभा को एक बेहद कमजोर स्क्रिप्ट के जरिए बर्बाद कर दिया गया है। दोनों कलाकार अपने-अपने किरदारों में ईमानदारी लाने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब संवाद और दृश्य इतने सतही हों, तो दर्शकों से जुड़ पाना मुश्किल हो जाता है। ग्लेन क्लोज़ जैसी प्रतिभाशाली अभिनेत्री का उपयोग भी फिल्म में सीमित और असंतोषजनक है।


एक्शन और हास्य: निराशाजनक संतुलन


फिल्म का दावा है कि यह एक एक्शन-कॉमेडी है, लेकिन न तो इसका एक्शन दर्शकों को रोमांचित करता है और न ही इसका हास्य आपको हंसाने में सफल होता है। फिल्म के एक्शन सीक्वेंस साफ तौर पर पिछली कई स्ट्रीमिंग फिल्मों से प्रेरित हैं, लेकिन उनमें मौलिकता या रोमांच की कमी है। हास्य की बात करें तो, ज्यादातर चुटकुले पुराने और बेमतलब लगते हैं।


बच्चों के किरदार: एक और चूक


एमिली और मैट के बच्चों को कहानी में तकनीक-प्रेमी और चतुर दिखाने का प्रयास किया गया है। लेकिन फिल्म की स्क्रिप्ट उन्हें बार-बार ऐसे निर्णय लेते दिखाती है जो उनकी उम्र और बुद्धिमत्ता के विपरीत हैं। यह फिल्म की कहानी में वास्तविकता का अभाव दिखाता है और दर्शकों के धैर्य की परीक्षा लेता है।

निर्देशन: सेठ गॉर्डन की असफलता


“बेवॉच” जैसी फिल्में बना चुके सेठ गॉर्डन इस बार भी एक फूहड़ और कमजोर फिल्म लेकर आए हैं। फिल्म की टोन असंगत है, और ऐसा लगता है कि निर्देशन के दौरान कहानी पर ध्यान ही नहीं दिया गया। गॉर्डन ने फिल्म को एक थ्रिलर के बजाय एक थकाऊ तमाशे में बदल दिया है।


निष्कर्ष: समय और प्रतिभा की बर्बादी


“बैक इन एक्शन” उन फिल्मों की सूची में शामिल हो जाती है जो नेटफ्लिक्स पर जल्दी लोकप्रिय तो हो जाती हैं, लेकिन कुछ ही समय में भुला दी जाती हैं। यह फिल्म दर्शकों के समय और समझ का सम्मान नहीं करती। कैमरून डियाज़ के फैंस के लिए यह उनकी बहुप्रतीक्षित वापसी का एक बेहद निराशाजनक उदाहरण है।


अगर आप एक मनोरंजक एक्शन-कॉमेडी की तलाश में हैं, तो यह फिल्म शायद आपकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरेगी। इसे देखने के बजाय, बेहतर होगा कि आप डियाज़ या फॉक्स की पुरानी फिल्मों को दोबारा देखें। कम से कम वे आपको यह याद दिलाएंगी कि ये कलाकार कितने प्रतिभाशाली हैं।

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