संपत्तियों की सूची:
. फ्लैग स्टाफ हाउस (सैफ का बचपन का घर
. नूर-उस-सबा पैलेस
. दार-उस-सलाम
. हबीबी का बंगला
. अहमदाबाद पैलेस
. कोहेफिजा प्रॉपर्टी
. पटौदी पैलेस और सैफ का जुड़ाव:
पटौदी पैलेस, जिसे सैफ अली खान गर्मियों के घर के रूप में उपयोग करते हैं, उनकी पारिवारिक विरासत का अहम हिस्सा है। 2021 में एक साक्षात्कार में सैफ ने बताया कि इस संपत्ति को पुनः हासिल करने के लिए उन्हें इसे खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ी, क्योंकि वह पहले से ही इसके मालिक थे।
यह पैलेस एक समय होटल के रूप में पट्टे पर दिया गया था। सैफ के पिता मंसूर अली खान पटौदी ने इसे होटल व्यवसायियों फ्रांसिस वाक्ज़ियार्ग और अमन नाथ को सौंपा था, जिन्होंने इसकी बेहतरीन देखभाल की। बाद में सैफ ने इसे अपने परिवार के लिए वापस ले लिया।
पटौदी पैलेस का इतिहास:
सैफ की बहन सोहा अली खान ने पैलेस के इतिहास पर रोशनी डालते हुए बताया कि इसे उनके दादा नवाब इफ्तिखार अली खान ने अपनी ससुराल को प्रभावित करने के लिए 1935 में बनवाया था। निर्माण के दौरान पैसों की कमी हो जाने के कारण, महल के कुछ हिस्से अधूरे रह गए। यही कारण है कि कुछ जगहों पर संगमरमर के नीचे सामान्य सीमेंट का फर्श देखा जा सकता है।
शर्मिला टैगोर की भूमिका:
सोहा ने बताया कि उनकी मां, शर्मिला टैगोर, परिवार के वित्तीय प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालती हैं। वह नियमित रूप से घर के खर्च और मरम्मत का ध्यान रखती हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि पटौदी पैलेस की पुताई रंगने से सस्ती पड़ती है, इसलिए इसे अक्सर पेंट की बजाय पुताई से ही ताजा किया जाता है।
महल की वास्तुकला और महत्व:
पटौदी पैलेस की भव्य वास्तुकला इसे विशेष बनाती है। इसकी ऐतिहासिक बनावट और परिवार की स्मृतियां इस जगह को केवल एक संपत्ति नहीं, बल्कि एक भावनात्मक विरासत बनाती हैं।
शत्रु संपत्ति विवाद का असर:
अगर सरकार इस संपत्ति को शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत जब्त करती है, तो यह न केवल सैफ अली खान और उनके परिवार के लिए बड़ा झटका होगा, बल्कि भारतीय इतिहास और धरोहर का एक हिस्सा भी खतरे में पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
सैफ अली खान का परिवार, अपनी ऐतिहासिक संपत्तियों के साथ, एक जटिल कानूनी और भावनात्मक लड़ाई लड़ रहा है। यह विवाद न केवल उनके परिवार की संपत्ति को प्रभावित करता है, बल्कि भारत के विभाजन और उसकी विरासत से जुड़े कई सवाल भी उठाता है। इस मामले में आगे का फैसला भारतीय इतिहास और कानून की दिशा को भी प्रभावित कर सकता है